Wednesday, June 26, 2024

राखी (कुण्डलिया छंद)

राखी का त्योहार है, भ्रात बहन का प्यार।
बहना राखी बाँधती, भाई करे दुलार।
भाई करे दुलार, वचन रक्षा का देता।
जीवन भर का बोझ, बहन का काँधे लेता।
कहे 'बासु' कविराय, डोर रक्षा की साखी।
बंधन सदा अटूट, बँधी जो कर में राखी।।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन' ©
तिनसुकिया
17-08-2016

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