Thursday, June 29, 2023

छंदा सागर (यगणादि छंदाएँ)

                        पाठ - 13

छंदा सागर ग्रन्थ

"यगणादि छंदाएँ"

इस पाठ में हम उन छंदाओं का अध्ययन करेंगे जिनके प्रारंभ में यगण रहता है। इन छंदाओं का इसलिये यगणदि नाम दिया गया है क्योंकि छंदा के आदि में यगण गुच्छक रहते हैं। यगण गुच्छक निम्न हैं।
122 = यगण
1221 = अंयल
1222 = ईयग
12221 = ईंयागल
12212 = ऊयालग
122121 = ऊंयालिल
12222 = एयागग
122221 = ऐंयागिल
12211 = ओयालल
****

यगणावृत्त छंदाएँ :- इन छंदाओं में केवल यगणाश्रित गुच्छक ही रहते हैं जिनकी एक से चार गुच्छक तक की आवृत्तियाँ रहती हैं। गुच्छक के अंत में स्वतंत्र वर्ण जुड़ सकते हैं। द्विगुच्छकी छंदाओं के मध्य में भी स्वतंत्र वर्ण संयोजित हो सकते हैं। इस पाठ में आगे लघु वृद्धि की छंदाएँ नहीं दी जा रही हैं जो सभी में बन सकती हैं। अब आगे केवल वाचिक और मात्रिक छंदाएँ ही दी जायेंगी। इन्हें बनाने के लिये आधार गुच्छक के रूप में इस पाठ के प्रारंभ में बताये गये 9 गुच्छक में से कोई भी लिया जा सकता है।

"य = (122 आधार गुच्छक)":-

122 22 = यागी, यागिण
1222 22 = यीगी, यीगिण

(यदि आधार गुच्छक गुर्वंत हो तो यह छूट है। इन छंदाओं में 22 को 112 करने की छूट है। अन्यथा  गुच्छक की जहाँ तक बनने की संभावना है वह पूर्ण होने पर ही स्वतंत्र वर्ण संयोजन होता है।)

122*2 2 = यादग, यदगण
122*2 12 = यदली, यदलिण
122*2 22 = यदगी, यदगिण
(ये सभी छंदाएँ तीन और चार की आवृत्ति में भी बनेंगी। जैसे - यबगी, याचग आदि।)
122*3 12 = यबली, यबलिण (शक्ति छंद), यबलिव (भुजंगी छंद)
122*2 22 122*2 2 = यदगीयादग, यदगीयदगण
122*2 22, 122*2 22 = यदगिध, यदगीधण

122 1222 22 = यायीगी, यायीगिण
122 12221 2 = यायींगा, यायींगण
122 12221 12 = यायींली, यायींलिण
122 122121 2 = यायूंगा, यायूंगण
122 122121 12 = यायूंली, यायूंलिण
122 12222 2 = यायेगा, यायेगण
122 12222 22 = यायेगी, यायेगिण
122 122221 2 = यायैंगा, यायैंगण
122 122221 12 = यायैंली, यायैंलिण
122 12211 2 = यायोगा, यायोगण
(इन्हें त्रिगुच्छकी छंदा का रूप देने के लिये आधार यगण को आवृत्त किया जायेगा। इससे यदयीगी, यदयैंली, यदयोगा आदि छंदाएँ बनेंगी।)

122*2 +1 (यदलय, यादलयी, यादलयू, यादलये)
122*2 +2 (यदगय, यायिद, यादगयू, यादगये)
122*2 +21 (यदगुय, यदगूयी, यदगूयू, यदगूये)
122*2 +12 (यदलिय, यदलीयी, यायुद, यदलीये)
122*2 +22 (यदगिय, यदगीयी, यदगीयू, यदगीये)
(वर्ण संयोजन के पश्चात क्रमशः 122, 1222, 12212, 12222 गुच्छक की वाचिक छंदाएँ दी गयी हैं।)
****

"यं = (1221 आधार गुच्छक )":-

1221*2 2 = यंदग, यंदागण
1221*3 2 = यंबग, यंबागण
1221*4 2 = यंचग, यंचागण
(इन छंदाओं में अंत में ग के स्थान पर ली भी संयोजित हो सकता है। जैसे - यंदाली।)
1221*2 2, 1221*2 2 = यंदागध, यंदगधण

1221 122 = यंया, यंयण
1221*2 122 = यंदय, यंदायण
1221*2 +2 122 = यंदागय, यंदगयण
1221*2 +21 122 = यंदागुय, यंदागूयण
1221*3 122 = यंबय, यंबायण
(इन छंदाओं के अंत में य के स्थान पर यी, यू, ये या यागी का प्रयोग भी किया जा सकता है।)
1221 122 1221 122 = यंयाधू, यंयाधुण
1221 122 22, 1221 122 22 = यंयागिध, यंयागीधण

1221 122121 2 = यलयूंगा, यलयूंगण
1221 122121 12 = यलयूंली, यलयूंलिण

1221 122*2 = यंयद, यंयादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- यंयदली)
1221 1222 122 = यंयीया, यंयीयण
1221 1222*2 = यंयिद, यंयीदण
1221 12212 122 = यंयूया, यंयूयण
1221 12222 122 = यंयेया, यंयेयण
****

"यी = (1222 आधार गुच्छक)":-

1222 22 = यीगी, यीगिण
1222 22 1222 22 = यीगिध, यीगीधण

1222*2 2 = यीदग, यिदगण
1222*2 12 = यिदली, यिदलिण
1222*2 22 = यिदगी, यिदगिण
1222*3 2 = यीबग, यिबगण
1222*3 12 = यिबली, यिबलिण
1222*3 22 = यिबगी, यिबगिण
1222*2 2, 1222*2 2 = यिदगध, यीदगधण

1222 122 = यीया, यीयण
1222*2 122 = यीदय, यिदयण
1222*2 1221 = यिदयल, यीदयलण, यीदयलव (शास्त्र छंद)
1222*3 122 = यीबय, यिबयण
1222 122, 1222 122 = यीयध, यियधण
(इन छंदाओं के अंत में य के स्थान पर यू या यागी का प्रयोग किया जा सकता है। जैसे- यिदयागी)
1222 12221 12 = यीयींली, यीयींलिण
1222 12222 22 = यीयेगी, यीयेगिण
1222 122221 2 = यीयैंगा, यीयैंगण
1222 122221 12 = यीयैंली, यीयैंलिण

1222 122*2 = यीयद, यियदण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- यीयदगी)
1222 1221 122 = यीयंया, यीयंयण
1222 12212 122 = यीयुय, यीयूयण

1222*2 +1 = यिदलय, यीदलयी, यीदलयू, यीदलये
1222*2 +2 = यिदगय, यीदगयी, यीदगयू, यीयेदा
(वर्ण संयोजन के पश्चात क्रमशः 122, 1222, 12212, 12222 गुच्छक की वाचिक छंदाएँ दी गयी हैं।)
****

"यीं = (12221 आधार गुच्छक)":-

12221 2 = यींगा, यींगण
12221 12 = यींली, यींलिण

12221 12, 12221 12 = यींलिध, यींलीधण
12221 12 12221 2 = यींलीयींगा, यींलीयींगण

12221*2 2 = यींदग, यींदागण
12221*2 12 = यींदाली, यींदालिण

12221 122 = यींया, यींयण
12221*2 122 = यींदय, यींदायण
12221*3 122 = यींबय, यींबायण
12221 122, 12221 122 = यींयध, यींयाधण
12221 2 122 = यींगय, यींगायण
12221 21 122 = यींगुय, यींगूयण
12221 12 122 = यींलिय, यींलीयण
12221 121 122 = यिललींया, यिललींयण
(इन छंदाओं के अंत में य के स्थान पर यी, यू, ये या यागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- 
12221 122 22 = यींयागी, यींयागिण)

12221 122*2 = यींयद, यींयादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- यींयादग)
12221 1222 122 = यींयिय, यींयीयण
12221 1222*2 = यींयिद, यींयीदण

12221 122, 12221 122 +22 = यींयधगी, यींयधगिण
****

"यू = (12212 आधार गुच्छक)":- 

12212*2 12 = युदली, युदलिण

12212 122 = यूया, यूयण
12212*2 122 = यूदय, युदयण
12212*3 122 = यूबय, युबयण
12212 122, 12212 122 = यूयध, युयधण
(इन छंदाओं के अंत में य के स्थान पर यी, ये अथवा यागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- यूयागी)

12212 122*2 = यूयद, युयदण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- यूयदली)
12212 1222 122 = यूयिय, यूयीयण
12212 1222*2 = यूयिद, यूयीदण

12212 122, 12212 122 +2 = युयधग, यूयधगण
****

"यूं = (122121 आधार गुच्छक)":-

122121 2 = यूंगा, यूंगण
122121 12 = यूंली, यूंलिण
122121 12, 122121 12 = यूंलिध, यूंलीधण

122121*2 2 = यूंदग, यूंदागण
122121*2 12 = यूंदाली, यूंदालिण

122121 122 = यूंया, यूंयण
122121*2 122 = यूंदय, यूंदायण
122121 122, 122121 122 = यूंयध, यूंयाधण
122121 2 122 = यूंगय, यूंगायण
122121 12 122 = यूंलीया, यूंलीयण
(इन छंदाओं के अंत में य के स्थान पर यी, यू, ये या यागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- यूंयागी)

122121 122*2 = यूंयद, यूंयादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- यूंयदली)
122121 1222 122 = यूंयीया, यूंयीयण
122121 12212 122 = यूंयूया, यूंयूयण
122121 1222*2 = यूंयिद, यूंयीदण

122121 122, 122121 122 +12 = यूंयधली, यूंयधलिण
****

"ये = (12222 आधार गुच्छक)":-

12222 2 = येगा, येगण
12222 22 = येगी, येगिण
12222 22, 12222 22 = येगिध, येगीधण

12222*2 2 = येदग, येदागण
12222*2 12 = येदाली, येदालिण
12222*2 22 = येदागी, येदागिण

12222 122 = येया, येयण
12222*2 122 = येदय, येदायण
12222 122, 12222 122 = येयध, येयाधण
12222 2 122 = येगय, येगायण
12222 22 122 = येगिय, येगीयण
(इन छंदाओं के अंत में य के स्थान पर यी, यू, ये या यागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- येयागी, येगीयू)

12222 122*2 = येयद, येयादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- येयदली)
12222 1222 122 = येयीया, येयीयण
12222 1222*2 = येयिद, येयीदण

12222 122, 12222 122 +2 = येयाधग, येयधगण
****

"यैं = (122221 आधार गुच्छक)":-

122221 2 = यैंगा, यैंगण
122221 12 = यैंली, यैंलिण
122221 2, 122221 2 = यैंगध, यैंगाधण

122221*2 2 = यैंदग, यैंदागण
122221*2 12 = यैंदाली, यैंदालिण

122221 122 = यैंया, यैंयण
122221*2 122 = यैंदय, यैंदायण
122221 122, 122221 122 = यैंयध, यैंयाधण
122221 2 122 = यैंगय, यैंगायण
122221 12 122 = यैंलिय, यैंलीयण
(इन छंदाओं के अंत में य के स्थान पर यी, यू, ये या यागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- यैंयागी, यैंलीयी)

122221 122*2 = यैंयद, यैंयादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- यैंयादग)
122221 1222 122 = यैंयीया, यैंयीयण
122221 1222*2 = यैंयिद, यैंयीदण

122221 122, 122221 122 +22 = यैंयधगी, यैंयधगिण
****

"यो = (12211 आधार गुच्छक)":-

12211 2 = योगा, योगण
12211 2, 12211 2 = योगध, योगाधण

12211 2 122 = योगय, योगायण
12211 21 122 = योगुय, योगूयण
12211 2 122, 12211 2 122 = योगायध, योगयधण
(इन छंदाओं के अंत में य के स्थान पर यी, यू, ये या यागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- योगयगी, योगूयी)
****
****

यगणाश्रित बहुगणी छंदाएँ:-

यामक छंदाएँ:- इन छंदाओं में यगण और मगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है। 'म' से आरंभ होनेवाले किसी भी गुच्छक तथा 'ग' से आरंभ होनेवाले किसी भी वर्ण के गुरु को ऊलल वर्ण में तोड़ा जा सकता है यदि उसके दोनों तरफ गुरु वर्ण रहे। यहाँ लघु वृद्धि की छंदाएँ नहीं दी जा रही जो सभी में बन सकती हैं।

12222 222 = येमा, येमण
12222 222 122 = येमय, येमायण

(इन छंदाओं में म के स्थान पर मी या मू आ सकता है। अंत के य के स्थान पर भी यी, यू या यागी आ सकता है। जैसे- येमूयी)
****

यातक छंदाएँ:- इन छंदाओं में यगण और तगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है।

12222 2212 = येती, येतिण
12222 2212 122 = येतिय, येतीयण

(इन छंदाओं में ती के स्थान पर तू आ सकता है। अंत के य के स्थान पर भी यी, यू या यागी आ सकता है। जैसे- येतुयगी)
****

यारक छंदाएँ:- इन छंदाओं में यगण और रगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है।

12221 212 = यींरा, यींरण
12221 212, 12221 212 = यींरध, यींराधण
12221 212 122 = यींरय, यींरायण

(इन छंदाओं में आधार गुच्छक के रूप में यूं (122121), ये (12222), यैं (122221) अथवा यो (12211) आ सकता है। र के स्थान पर रू आ सकता है। अंत के य के स्थान पर यी, यू अथवा यागी आ सकता है। जैसे- यूंरायी, योरुय)
****

याभक छंदाएँ:- इन छंदाओं में यगण और भगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है।

12221 2112 = यींभी, यींभिण
12221 2112, 12221 2112 = यींभिध, यींभीधण
12221 2112 122 = यींभिय, यींभीयण

(इन छंदाओं में आधार गुच्छक के रूप में यूं (122121), ये (12222), यैं (122221) अथवा यो (12211) आ सकता है। अंत के य के स्थान पर यी, यू अथवा यागी आ सकता है। जैसे- येभियगी, योभिय)
****

याजक छंदाएँ:- इन छंदाओं में यगण और जगण गुच्छक का प्रयोग होता है।

12221 1212 = यींंजी, यींजिण
12221 1212, 12221 1212 = यींजिध, यींजीधण

(ये छंदा यूं और यैं आधार गणक लेके भी बनायी जा सकती हैं। जी के स्थान पर जू का भी प्रयोग हो सकता है। जैसे- यूंजू)
****
****

बासुदेव अग्रवाल 'नमन' ©
तिनसुकिया
10-12-19

Saturday, June 24, 2023

हाइकु (पुस्तक)

आजीवन दे
पुस्तक सहचरी
आपका साथ।
**

जोड़ो जो प्रीत
पुस्तक सा न मीत
दिल ले जीत।
**

हृदय द्वार
खोले झट पुस्तक
करे उद्धार।
**

जो करे प्यार
पुस्तक से अपार
होती न हार।
**

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
23-07-16

Saturday, June 17, 2023

राधेश्यामी छंद "नसबन्दी बनाम नोटबन्दी"

राधेश्यामी छंद / मत्त सवैया

आपातकाल पचहत्तर का, जिसकी यादें मन में ताजा।
तब नसबन्दी ने लोगों का, था खूब बजाया जम बाजा,
कोई भी बचे नहीं इससे, वे विधुर, वृद्ध, या फिर बच्चे।
सब ली चपेट में नसबन्दी, किन्नर तक भी झूठे सच्चे।

है ज़रा न बदला अब भी कुछ, सरकार नई पर सोच वही,
छाया आर्थिक आपातकाल, जनता जिस में छटपटा रही।
आपातकाल ये कुछ ऐसा, जो घोषित नहीं अघोषित है,
कुछ ही काले धन वालों से, जनता अब सारी शोषित है।

तब कहर मचाई नसबन्दी, थी त्राहि त्राहि हर ओर मची,
अब नोटों की बन्दी कर के, मोदी ने वैसी व्यथा रची।
तब जोर जबरदस्ती की उस, बन्दी का दुख सबने झेला,
अब आकस्मिक इस बन्दी में, लोगों का बैंकों में रेला।

भारत की सरकारों का तो, बन्दी से है गहरा नाता,
लेकिन बेबस जनता को यह, थोड़ा भी रास नहीं आता।
नस की हो, नोटों की हो या, बन्दी चाहे हो भारत की,
जनता को सब में पिसना है, कोई न सुने कुछ आरत की।

तर्कों में, वाद विवादों में, संकट का हल है कभी नहीं,
सरकारी लचर व्यवस्था का, रहता हरदम परिणाम वहीं।
तब भी न ज़रा तैयारी थी, वह अब भी साफ़ अधूरी है,  
सरकार स्वप्न सुंदर दिखला, जनता से रखती दूरी है।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
14-11-16

Monday, June 12, 2023

सायली (आसुरी कोरोना)

आसुरी
कोरोना मगरूरी
कायम रखें दूरी
मास्क जरूरी
मजबूरी
*****

अतिक्रमण
चीनी आक्रमण
फैला कोरोना संक्रमण
अवरुद्ध परिभ्रमण
गृह-रमण
*****

महाकाल
कोरोना विकराल
देश  पर  भूचाल
सरकारी अस्पताल
बदहाल
*****

चमगादड़ी
कोरोना जकड़ी
संकट की घड़ी
आफत बड़ी
पड़ी
*****

1-2-3-2-1 शब्द
*****

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
19-07-20

Wednesday, June 7, 2023

छंदा सागर (रगणादि छंदाएँ)

                      पाठ - 12

छंदा सागर ग्रन्थ


"रगणादि छंदाएँ"


इस पाठ में हम उन छंदाओं का अध्ययन करेंगे जिनके प्रारंभ में रगण रहता है। इन छंदाओं का इसलिये रगणादि नाम दिया गया है क्योंकि छंदा के आदि में रगण गुच्छक रहते हैं। रगण गुच्छक निम्न हैं।
212 = रगण 
2121 = अंरल
2122 = ईरग
21221 = ईंरागल
21212 = ऊरालग
212121 = ऊंरालिल
21222 = एरागग
212221 = ऐंरागिल
21211 = ओरालल
****

रगणावृत्त छंदाएँ :- इन छंदाओं में केवल रगणाश्रित गुच्छक ही रहते हैं जिनकी एक से चार गुच्छक तक की आवृत्तियाँ रहती हैं। गुच्छक के अंत में स्वतंत्र वर्ण जुड़ सकते हैं। द्विगुच्छकी छंदाओं के मध्य में भी स्वतंत्र वर्ण संयोजित हो सकते हैं। इस पाठ में आगे लघु वृद्धि की छंदाएँ नहीं दी जा रही हैं जो सभी में बन सकती हैं। अब आगे केवल वाचिक और मात्रिक छंदाएँ ही दी जायेंगी। इन्हें बनाने के लिये आधार गुच्छक के रूप में इस पाठ के प्रारंभ में बताये गये 9 गुच्छक में से कोई भी लिया जा सकता है।

"र = (212 आधार गुच्छक)":-

212 22 = रागी, रागिण
212 22 212 22 = रगिधू, रागीधुण
(यदि आधार गुच्छक गुर्वंत हो तो यह छूट है। इन छंदाओं में 22 को 112 करने की छूट है। अन्यथा  गुच्छक की जहाँ तक बनने की संभावना है वह पूर्ण होने पर ही स्वतंत्र वर्ण संयोजन होता है।)

212*2 2 = रादग, रदगण
212*2 21 = रदगू, रदगुण, रदगुव (लक्ष्मी छंद)
212*2 22 = रदगी, रदगिण, रदगिव (पद्ममाला छंद)
(ये सभी छंदाएँ तीन और चार की आवृत्ति में भी बनेंगी। जैसे - रबगी, राचग आदि।)
212*3 2 = राबग, रबगण, रबगव (बाला छंद)
212*2 2 212*2 2 = रादगधू, रादगधुण
212*2 22, 212*2 22 = रदगिध, रदगीधण

212*2 +1 (रदलर, रादलरी, रादलरू, रादलरे)
212*2 +2 (रदगर, रारिद, रादगरू, रादगरे)
212*2 +21 (रदगुर, रदगूरी, रदगूरू, रदगूरे)
212*2 +12 (रदलिर, रदलीरी, रारुद, रदलीरे)
212*2 +22 (रदगिर, रदगीरी, रदगीरू, रदगीरे)
212*2 +11 (रदलुर, रदलूरी, रदलूरू, रदलूरे)
(वर्ण संयोजन के पश्चात क्रमशः 212, 2122, 21212, 21222 गुच्छक की वाचिक छंदाएँ दी गयी हैं।)
****

"रं = (2121 आधार गुच्छक )":-

2121*2 2 = रंदग, रंदागण
2121*3 2 = रंबग, रंबागण
2121*4 2 = रंचग, रंचागण
(इन छंदाओं में अंत में ग के स्थान पर ली या गी भी संयोजित हो सकता है। जैसे - रंदाली, रंबागी आदि।)
2121*2 2, 2121*2 2 = रंदागध, रंदगधण
2121*2 22 = रंदागी, रंदागिण, रंदागिव (मयूरसारिणी/मयूरी छंद)

2121 212 = रंरा, रंरण, रंरव (रक्ता/समानिका छंद)
2121*2 212 = रंदर, रंदारण, रंदारव (श्येनिका छंद)
2121*3 212 = रंबर, रंबारण, रंबारव (चामर छंद)
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है।)
2121 212 2121 212 = रंराधू, रंराधुण
2121 212 22, 2121 212 22 = रंरागिध, रंरागीधण

2121 212*2 = रंरद, रंरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रंरदली)
2121 2122 212 = रंरिर, रंरीरण
2121 2122*2 = रंरिद, रंरीदण
2121 21222 212 = रंरेरा, रंरेरण

2121*2 +1 = (रंदालर, रंदलरी, रंदलरू, रंदलरे)
2121*2 +2 = (रंदागर, रंदगरी, रंरुद, रंदगरे)
(वर्ण संयोजन के पश्चात क्रमशः 212, 2122, 21212, 21222 गुच्छक की वाचिक छंदाएँ दी गयी हैं।)
****

"री = (2122 आधार गुच्छक)":-

2122 22 = रीगी, रीगिण
2122 22 2122 22 = रीगीधू, रीगीधुण

2122*2 2 = रीदग, रीदागण
2122*2 22 = रिदगी, रीदागिण
2122*3 2 = रीबग, रीबागण
2122*3 22 = रिबगी, रीबागिण
2122*2 2, 2122*2 2 = रीदागध, रीदगधण

2122 212 = रीरा, रीरण
2122*2 212 = रीदर, रीदारण
2122*3 212 = रीबर, रीबारण (गीतिका), रीबारव (सीता)
2122 212, 2122 212 = रीरध, रीराधण
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर रू, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है।)

2122 212*2 = रीरद, रीरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रीरदगी)
2122 2121 212 = रीरंरा, रीरंरण
2122 21212 212 = रीरुर, रीरूरण
2122 21212*2 = रीरुद, रीरूदण

2122 21211*2 212 = रीरोदर, रीरोदारण
2122*2 21211 212 = रिदरोरा, रिदरोरण

2122*2 +1 = रिदलर, रीदलरी, रीदलरू, रीदलरे
2122*2 +2 = रीदागर, रीदगरी, रीदगरू, रीदगरे
(वर्ण संयोजन के पश्चात क्रमशः 212, 2122, 21212, 21222 गुच्छक की वाचिक छंदाएँ दी गयी हैं।)
****

"रीं = (21221 आधार गुच्छक)":-

21221 12 = रींली, रींलिण
21221 12, 21221 12 = रींलिध, रींलीधण
21221 12 212 22 = रींलिरगी, रींलीरागिण

21221*2 12 = रींदाली, रींदालिण

21221 212 = रींरा, रींरण
21221*2 212 = रींदर, रींदारण
21221*3 212 = रींबर, रींबारण
21221 212, 21221 212 = रींरध, रींराधण
21221 12 212 = रींलिर, रींलीरण

(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री, रू, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- 
21221 212 22 = रींरागी, रींरागिण)

21221 212*2 = रींरद, रींरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रींरादग)
21221 2122 212 = रींरिर, रींरीरण
21221 2122*2 = रींरिद, रींरीदण

21221 212, 21221 212 +22 = रींरधगी, रींरधगिण
****

"रू = (21212 आधार गुच्छक)":- 

21212 2 = रूगा, रूगण
21212 22 = रूगी, रूगिण
21212 2 21212 2 = रुगधू, रूगाधुण
21212 22, 21212 22 = रूगिध, रूगीधण
21212 22 21212 2 = रूगीरुग, रूगीरूगण

21212*2 2 = रूदग, रूदागण
21212*2 12 = रुदली, रूदालिण
21212*2 22 = रुदगी, रूदागिण

21212 212 = रूरा, रूरण
21212*2 212 = रूदर, रूदारण
21212*3 212 = रूबर, रूबारण
21212 212, 21212 212 = रूरध, रूराधण
21212 2 212 = रूगर, रूगारण
21212 22 212 = रूगिर, रूगीरण
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- रूरागी, रुगरू)

21212 212*2 = रूरद, रूरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रूरदली)
21212 2122 212 = रूरिर, रूरीरण
21212 2122*2 = रूरिद, रूरीदण

21212 212, 21212 212 +2 = रूराधग, रूरधगण
****

"रूं = (212121 आधार गुच्छक)":-

212121 12 = रूंली, रूंलिण
212121 12, 212121 12 = रूंलिध, रूंलीधण

212121 12 212 = रूंलिर, रूंलीरण
212121 12 2122 = रूंलीरी, रूंलीरिण
212121 12 21212 = रूंलीरू, रूंलीरुण
212121 12 212 22 = रूंलिरगी, रूंलिरगिण

212121 212*2 = रूंरद, रूंरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रूंरदली)
212121 2122*2 = रूंरिद, रूंरीदण

212121 212, 212121 212 +12 = रूंरधली, रूंरधलिण
****

"रे = (21222 आधार गुच्छक)":-

21222 2 = रेगा, रेगण
21222 22 = रेगी, रेगिण
21222 22, 21222 22 = रेगिध, रेगीधण

21222*2 2 = रेदग, रेदागण
21222*2 22 = रेदागी, रेदागिण

21222 212 = रेरा, रेरण
21222*2 212 = रेदर, रेदारण
21222 212, 21222 212 = रेरध, रेराधण
(212 22)*2 212 = रागीधुर, रागीधूरण
21222 2 212 = रेगर, रेगारण
21222 11 212 = रेलुर, रेलूरण
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री या रू का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- रेरी, रेगारू)

21222 212*2 = रेरद, रेरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रेरदगी)
21222 2122 212 = रेरिर, रेरीरण
21222 2122*2 = रेरिद, रेरीदण

21222 212, 21222 212 +2 = रेराधग, रेरधगण
(इसमें अंत में ग के स्थान पर ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रेरधगी)
****

"रैं = (212221 आधार गुच्छक)":-

212221 12 = रैंली, रैंलिण

212221*2 2 = रैंदग, रैंदागण
212221*2 12 = रैंदाली, रैंदालिण
212221*2 22 = रैंदागी, रैंदागिण

212221 2122 = रैंरी, रैंरिण
212221 21222  = रैंरे, रैंरेण
212221 212 22  = रैंरागी, रैंरागिण

212221 212*2 = रैंरद, रैंरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रैंरादग)
****

"रो = (21211 आधार गुच्छक )":-
 
21211 2 = रोगा, रोगण
21211 22 = रोगी, रोगिण
21211 22 21211 22 = रोगीधू, रोगीधुण

21211*2 2 = रोदग, रोदागण
21211*2 22 = रोदागी, रोदागिण
21211*3 2 = रोबग, रोबागण

21211 212 = रोरा, रोरण
21211*2 212 = रोदर, रोदारण
21211*3 212 = रोबर, रोबारण
21211 212, 21211 212 = रोरध, रोराधण
21211 2 212 = रोगर, रोगारण
21211 22 212 = रोगिर, रोगीरण
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री रू, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है।)

21211 212*2 = रोरद, रोरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रोरदगी)
21211 2122 212 = रोरिर, रोरीरण
21211 2122*2 = रोरिद, रोरीदण
21211 2122*2 212 = रोरीदर, रोरिदरण

21211 2122, 21211 212 = रोरिणरोरा, रोरिणरोरण
21211*2, 21211 212 = रोदंरोरा, रोदंरोरण, रोदंरोरव (चंचरी छंद)
****
****

212 21221 12 = रारींली, रारींलिण

212 212221 12 = रारैंली, रारैंलिण
212 21211 2 = रारोगा, रारोगण
212 21211 22 = रारोगी, रारोगिण
(इन्हें त्रिगुच्छकी छंदा का रूप देने के लिये आधार रगण को आवृत्त किया जायेगा। इससे रदरीगी, रदरैंली, रदरोगी आदि छंदाएँ बनेंगी।)
***
2121 21211 22 = रंरोगी, रंरोगिण

2121 212121 12 = रलरूंली, रलरूंलिण
***
2122 21221 12 = रीरींली, रीरींलिण

2122 212221 12 = रीरैंली, रीरैंलिण

रगणाश्रित बहुगणी छंदाएँ:-

रामक छंदाएँ:- इन छंदाओं में रगण और मगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है। 'म' से आरंभ होनेवाले किसी भी गुच्छक तथा 'ग' से आरंभ होनेवाले किसी भी वर्ण के गुरु को ऊलल वर्ण में तोड़ा जा सकता है यदि उसके दोनों तरफ गुरु वर्ण रहे। यहाँ लघु वृद्धि की छंदाएँ नहीं दी जा रही जो सभी में बन सकती हैं।

212*2 222 = रादम, रदमण
2121*2 222 = रंदम, रंदामण
2122*2 222 = रीदम, रीदामण
(अंत में म के स्थान पर मी (2222) आ सकता है।)

21212 222 = रूमा, रूमण
21212 222, 21212 222 = रूमध, रूमाधण
21212 222  212 = रूमर, रूमारण

(इन छंदाओं में आधार गुच्छक के रूप में रे (21222) या रो (21211) आ सकता है। म के स्थान पर मी आ सकता है। अंत के र के स्थान पर भी री, रू या रागी आ सकता है। जैसे- रोमरगी)

21211 222 = रोमा, रोमण, रोमव (गाथ छंद)
****

रायक छंदाएँ:- इन छंदाओं में रगण और यगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है।

212*2 122 = रादय, रदयण
(अंत में य के स्थान पर यी (1222) आ सकता है। जैसे रदयी)

21221 122 = रींया, रींयण
21221 122, 21221 122 = रींयध, रींयाधण
21221 122 212 = रींयर, रींयारण

(इन छंदाओं में आधार गुच्छक के रूप में रूं (212121) या रैं (212221) आ सकता है। य के स्थान पर यी या यागी आ सकता है। अंत के र के स्थान पर भी री, रू या रागी आ सकता है। जैसे- रैंयीरी)
****

राभक छंदाएँ:- इन छंदाओं में रगण और भगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है।

212*2 2112 = रदभी, रदभिण
****

बासुदेव अग्रवाल 'नमन' ©
तिनसुकिया