8 8 8 8 --32 मात्रा (बिना मात्रा के)
मन यह नटखट, छण छण छटपट,
मनहर नटवर, कर रख सर पर।
कल न पड़त पल, तन-मन हलचल,
लगत सकल जग, अब बस जर-जर।
चरणन रस चख, दरश-तड़प रख,
तकत डगर हर, नयनन जल भर।
मन अब तरसत, अवयव मचलत,
नटवर रख पत, जनम सफल कर।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
1-03-18
मन यह नटखट, छण छण छटपट,
मनहर नटवर, कर रख सर पर।
कल न पड़त पल, तन-मन हलचल,
लगत सकल जग, अब बस जर-जर।
चरणन रस चख, दरश-तड़प रख,
तकत डगर हर, नयनन जल भर।
मन अब तरसत, अवयव मचलत,
नटवर रख पत, जनम सफल कर।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
1-03-18