पाठ - 12
छंदा सागर ग्रन्थ
"रगणादि छंदाएँ"
इस पाठ में हम उन छंदाओं का अध्ययन करेंगे जिनके प्रारंभ में रगण रहता है। इन छंदाओं का इसलिये रगणादि नाम दिया गया है क्योंकि छंदा के आदि में रगण गुच्छक रहते हैं। रगण गुच्छक निम्न हैं।
212 = रगण
2121 = अंरल
2122 = ईरग
21221 = ईंरागल
21212 = ऊरालग
212121 = ऊंरालिल
21222 = एरागग
212221 = ऐंरागिल
21211 = ओरालल
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रगणावृत्त छंदाएँ :- इन छंदाओं में केवल रगणाश्रित गुच्छक ही रहते हैं जिनकी एक से चार गुच्छक तक की आवृत्तियाँ रहती हैं। गुच्छक के अंत में स्वतंत्र वर्ण जुड़ सकते हैं। द्विगुच्छकी छंदाओं के मध्य में भी स्वतंत्र वर्ण संयोजित हो सकते हैं। इस पाठ में आगे लघु वृद्धि की छंदाएँ नहीं दी जा रही हैं जो सभी में बन सकती हैं। अब आगे केवल वाचिक और मात्रिक छंदाएँ ही दी जायेंगी। इन्हें बनाने के लिये आधार गुच्छक के रूप में इस पाठ के प्रारंभ में बताये गये 9 गुच्छक में से कोई भी लिया जा सकता है।
"र = (212 आधार गुच्छक)":-
212 22 = रागी, रागिण
212 22 212 22 = रगिधू, रागीधुण
(यदि आधार गुच्छक गुर्वंत हो तो यह छूट है। इन छंदाओं में 22 को 112 करने की छूट है। अन्यथा गुच्छक की जहाँ तक बनने की संभावना है वह पूर्ण होने पर ही स्वतंत्र वर्ण संयोजन होता है।)
212*2 2 = रादग, रदगण
212*2 21 = रदगू, रदगुण, रदगुव (लक्ष्मी छंद)
212*2 22 = रदगी, रदगिण, रदगिव (पद्ममाला छंद)
(ये सभी छंदाएँ तीन और चार की आवृत्ति में भी बनेंगी। जैसे - रबगी, राचग आदि।)
212*3 2 = राबग, रबगण, रबगव (बाला छंद)
212*2 2 212*2 2 = रादगधू, रादगधुण
212*2 22, 212*2 22 = रदगिध, रदगीधण
212*2 +1 (रदलर, रादलरी, रादलरू, रादलरे)
212*2 +2 (रदगर, रारिद, रादगरू, रादगरे)
212*2 +21 (रदगुर, रदगूरी, रदगूरू, रदगूरे)
212*2 +12 (रदलिर, रदलीरी, रारुद, रदलीरे)
212*2 +22 (रदगिर, रदगीरी, रदगीरू, रदगीरे)
212*2 +11 (रदलुर, रदलूरी, रदलूरू, रदलूरे)
(वर्ण संयोजन के पश्चात क्रमशः 212, 2122, 21212, 21222 गुच्छक की वाचिक छंदाएँ दी गयी हैं।)
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"रं = (2121 आधार गुच्छक )":-
2121*2 2 = रंदग, रंदागण
2121*3 2 = रंबग, रंबागण
2121*4 2 = रंचग, रंचागण
(इन छंदाओं में अंत में ग के स्थान पर ली या गी भी संयोजित हो सकता है। जैसे - रंदाली, रंबागी आदि।)
2121*2 2, 2121*2 2 = रंदागध, रंदगधण
2121*2 22 = रंदागी, रंदागिण, रंदागिव (मयूरसारिणी/मयूरी छंद)
2121 212 = रंरा, रंरण, रंरव (रक्ता/समानिका छंद)
2121*2 212 = रंदर, रंदारण, रंदारव (श्येनिका छंद)
2121*3 212 = रंबर, रंबारण, रंबारव (चामर छंद)
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है।)
2121 212 2121 212 = रंराधू, रंराधुण
2121 212 22, 2121 212 22 = रंरागिध, रंरागीधण
2121 212*2 = रंरद, रंरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रंरदली)
2121 2122 212 = रंरिर, रंरीरण
2121 2122*2 = रंरिद, रंरीदण
2121 21222 212 = रंरेरा, रंरेरण
2121*2 +1 = (रंदालर, रंदलरी, रंदलरू, रंदलरे)
2121*2 +2 = (रंदागर, रंदगरी, रंरुद, रंदगरे)
(वर्ण संयोजन के पश्चात क्रमशः 212, 2122, 21212, 21222 गुच्छक की वाचिक छंदाएँ दी गयी हैं।)
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"री = (2122 आधार गुच्छक)":-
2122 22 = रीगी, रीगिण
2122 22 2122 22 = रीगीधू, रीगीधुण
2122*2 2 = रीदग, रीदागण
2122*2 22 = रिदगी, रीदागिण
2122*3 2 = रीबग, रीबागण
2122*3 22 = रिबगी, रीबागिण
2122*2 2, 2122*2 2 = रीदागध, रीदगधण
2122 212 = रीरा, रीरण
2122*2 212 = रीदर, रीदारण
2122*3 212 = रीबर, रीबारण (गीतिका), रीबारव (सीता)
2122 212, 2122 212 = रीरध, रीराधण
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर रू, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है।)
2122 212*2 = रीरद, रीरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रीरदगी)
2122 2121 212 = रीरंरा, रीरंरण
2122 21212 212 = रीरुर, रीरूरण
2122 21212*2 = रीरुद, रीरूदण
2122 21211*2 212 = रीरोदर, रीरोदारण
2122*2 21211 212 = रिदरोरा, रिदरोरण
2122*2 +1 = रिदलर, रीदलरी, रीदलरू, रीदलरे
2122*2 +2 = रीदागर, रीदगरी, रीदगरू, रीदगरे
(वर्ण संयोजन के पश्चात क्रमशः 212, 2122, 21212, 21222 गुच्छक की वाचिक छंदाएँ दी गयी हैं।)
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"रीं = (21221 आधार गुच्छक)":-
21221 12 = रींली, रींलिण
21221 12, 21221 12 = रींलिध, रींलीधण
21221 12 212 22 = रींलिरगी, रींलीरागिण
21221*2 12 = रींदाली, रींदालिण
21221 212 = रींरा, रींरण
21221*2 212 = रींदर, रींदारण
21221*3 212 = रींबर, रींबारण
21221 212, 21221 212 = रींरध, रींराधण
21221 12 212 = रींलिर, रींलीरण
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री, रू, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे-
21221 212 22 = रींरागी, रींरागिण)
21221 212*2 = रींरद, रींरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रींरादग)
21221 2122 212 = रींरिर, रींरीरण
21221 2122*2 = रींरिद, रींरीदण
21221 212, 21221 212 +22 = रींरधगी, रींरधगिण
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"रू = (21212 आधार गुच्छक)":-
21212 2 = रूगा, रूगण
21212 22 = रूगी, रूगिण
21212 2 21212 2 = रुगधू, रूगाधुण
21212 22, 21212 22 = रूगिध, रूगीधण
21212 22 21212 2 = रूगीरुग, रूगीरूगण
21212*2 2 = रूदग, रूदागण
21212*2 12 = रुदली, रूदालिण
21212*2 22 = रुदगी, रूदागिण
21212 212 = रूरा, रूरण
21212*2 212 = रूदर, रूदारण
21212*3 212 = रूबर, रूबारण
21212 212, 21212 212 = रूरध, रूराधण
21212 2 212 = रूगर, रूगारण
21212 22 212 = रूगिर, रूगीरण
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- रूरागी, रुगरू)
21212 212*2 = रूरद, रूरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रूरदली)
21212 2122 212 = रूरिर, रूरीरण
21212 2122*2 = रूरिद, रूरीदण
21212 212, 21212 212 +2 = रूराधग, रूरधगण
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"रूं = (212121 आधार गुच्छक)":-
212121 12 = रूंली, रूंलिण
212121 12, 212121 12 = रूंलिध, रूंलीधण
212121 12 212 = रूंलिर, रूंलीरण
212121 12 2122 = रूंलीरी, रूंलीरिण
212121 12 21212 = रूंलीरू, रूंलीरुण
212121 12 212 22 = रूंलिरगी, रूंलिरगिण
212121 212*2 = रूंरद, रूंरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रूंरदली)
212121 2122*2 = रूंरिद, रूंरीदण
212121 212, 212121 212 +12 = रूंरधली, रूंरधलिण
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"रे = (21222 आधार गुच्छक)":-
21222 2 = रेगा, रेगण
21222 22 = रेगी, रेगिण
21222 22, 21222 22 = रेगिध, रेगीधण
21222*2 2 = रेदग, रेदागण
21222*2 22 = रेदागी, रेदागिण
21222 212 = रेरा, रेरण
21222*2 212 = रेदर, रेदारण
21222 212, 21222 212 = रेरध, रेराधण
(212 22)*2 212 = रागीधुर, रागीधूरण
21222 2 212 = रेगर, रेगारण
21222 11 212 = रेलुर, रेलूरण
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री या रू का प्रयोग भी किया जा सकता है। जैसे- रेरी, रेगारू)
21222 212*2 = रेरद, रेरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रेरदगी)
21222 2122 212 = रेरिर, रेरीरण
21222 2122*2 = रेरिद, रेरीदण
21222 212, 21222 212 +2 = रेराधग, रेरधगण
(इसमें अंत में ग के स्थान पर ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रेरधगी)
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"रैं = (212221 आधार गुच्छक)":-
212221 12 = रैंली, रैंलिण
212221*2 2 = रैंदग, रैंदागण
212221*2 12 = रैंदाली, रैंदालिण
212221*2 22 = रैंदागी, रैंदागिण
212221 2122 = रैंरी, रैंरिण
212221 21222 = रैंरे, रैंरेण
212221 212 22 = रैंरागी, रैंरागिण
212221 212*2 = रैंरद, रैंरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रैंरादग)
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"रो = (21211 आधार गुच्छक )":-
21211 2 = रोगा, रोगण
21211 22 = रोगी, रोगिण
21211 22 21211 22 = रोगीधू, रोगीधुण
21211*2 2 = रोदग, रोदागण
21211*2 22 = रोदागी, रोदागिण
21211*3 2 = रोबग, रोबागण
21211 212 = रोरा, रोरण
21211*2 212 = रोदर, रोदारण
21211*3 212 = रोबर, रोबारण
21211 212, 21211 212 = रोरध, रोराधण
21211 2 212 = रोगर, रोगारण
21211 22 212 = रोगिर, रोगीरण
(इन छंदाओं के अंत में र के स्थान पर री रू, रे या रागी का प्रयोग भी किया जा सकता है।)
21211 212*2 = रोरद, रोरादण
(इसमें अंत में ग, ली, गी संयोजित हो सकते हैं। जैसे- रोरदगी)
21211 2122 212 = रोरिर, रोरीरण
21211 2122*2 = रोरिद, रोरीदण
21211 2122*2 212 = रोरीदर, रोरिदरण
21211 2122, 21211 212 = रोरिणरोरा, रोरिणरोरण
21211*2, 21211 212 = रोदंरोरा, रोदंरोरण, रोदंरोरव (चंचरी छंद)
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212 21221 12 = रारींली, रारींलिण
212 212221 12 = रारैंली, रारैंलिण
212 21211 2 = रारोगा, रारोगण
212 21211 22 = रारोगी, रारोगिण
(इन्हें त्रिगुच्छकी छंदा का रूप देने के लिये आधार रगण को आवृत्त किया जायेगा। इससे रदरीगी, रदरैंली, रदरोगी आदि छंदाएँ बनेंगी।)
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2121 21211 22 = रंरोगी, रंरोगिण
2121 212121 12 = रलरूंली, रलरूंलिण
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2122 21221 12 = रीरींली, रीरींलिण
2122 212221 12 = रीरैंली, रीरैंलिण
रगणाश्रित बहुगणी छंदाएँ:-
रामक छंदाएँ:- इन छंदाओं में रगण और मगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है। 'म' से आरंभ होनेवाले किसी भी गुच्छक तथा 'ग' से आरंभ होनेवाले किसी भी वर्ण के गुरु को ऊलल वर्ण में तोड़ा जा सकता है यदि उसके दोनों तरफ गुरु वर्ण रहे। यहाँ लघु वृद्धि की छंदाएँ नहीं दी जा रही जो सभी में बन सकती हैं।
212*2 222 = रादम, रदमण
2121*2 222 = रंदम, रंदामण
2122*2 222 = रीदम, रीदामण
(अंत में म के स्थान पर मी (2222) आ सकता है।)
21212 222 = रूमा, रूमण
21212 222, 21212 222 = रूमध, रूमाधण
21212 222 212 = रूमर, रूमारण
(इन छंदाओं में आधार गुच्छक के रूप में रे (21222) या रो (21211) आ सकता है। म के स्थान पर मी आ सकता है। अंत के र के स्थान पर भी री, रू या रागी आ सकता है। जैसे- रोमरगी)
21211 222 = रोमा, रोमण, रोमव (गाथ छंद)
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रायक छंदाएँ:- इन छंदाओं में रगण और यगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है।
212*2 122 = रादय, रदयण
(अंत में य के स्थान पर यी (1222) आ सकता है। जैसे रदयी)
21221 122 = रींया, रींयण
21221 122, 21221 122 = रींयध, रींयाधण
21221 122 212 = रींयर, रींयारण
(इन छंदाओं में आधार गुच्छक के रूप में रूं (212121) या रैं (212221) आ सकता है। य के स्थान पर यी या यागी आ सकता है। अंत के र के स्थान पर भी री, रू या रागी आ सकता है। जैसे- रैंयीरी)
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राभक छंदाएँ:- इन छंदाओं में रगण और भगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है।
212*2 2112 = रदभी, रदभिण
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बासुदेव अग्रवाल 'नमन' ©
तिनसुकिया
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