हाइकु विधा "विविध"
है रूखापन
तृषित तभी तन
रोता है मन।
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सीने जगत
भाई भतीजावाद
खूब पलता
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बजायी बीन
हैं जुगाली में लीन
हृदय-हीन।
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तृण बिखरे
कूड़ा पसरे, जुड़े
घर निखरे।
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हाइकु विधा - हाइकु सत्रह (१७) अक्षर में लिखी जाने वाली सबसे छोटी कविता है। इसमें तीन पंक्तियाँ रहती हैं। प्रथम पंक्ति में ५ अक्षर, दूसरी में ७ और तीसरी में ५ अक्षर रहते हैं। संयुक्त अक्षर को एक अक्षर गिना जाता है, जैसे 'सुगन्ध' में तीन अक्षर हैं - सु-१, ग-१, न्ध-१) तीनों वाक्य अलग-अलग होने चाहिए। अर्थात एक ही वाक्य को ५,७,५ के क्रम में तोड़कर नहीं लिखना है। बल्कि तीन पूर्ण पंक्तियाँ हों।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
13-11-2020
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