Wednesday, August 2, 2023

छंदा सागर (जगणादि छंदाएँ)

                      पाठ - 15

छंदा सागर ग्रन्थ


"जगणादि छंदाएँ"


इस पाठ में हम उन छंदाओं का अध्ययन करेंगे जिनके प्रारंभ में जगण रहता है। इन छंदाओं का इसलिये जगणदि नाम दिया गया है क्योंकि छंदा के आदि में जगण गुच्छक रहते हैं। जगण गुच्छक निम्न हैं जिनका इन छंदाओं में प्रयोग होगा।

121 = जगण 
1211 = अंजल
1212 = ईजग
12121 = ईंजागल
12112 = ऊजालग
121121 = ऊंजालिल
12122 = एजागग
121221 = ऐंजागिल
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जगणावृत्त छंदाएँ :- इन छंदाओं में केवल जगणाश्रित गुच्छक ही रहते हैं जिनकी एक से चार गुच्छक तक की आवृत्तियाँ रहती हैं। गुच्छक के अंत में स्वतंत्र वर्ण जुड़ सकते हैं। द्विगुच्छकी छंदाओं के मध्य में भी स्वतंत्र वर्ण संयोजित हो सकते हैं। इस पाठ में आगे लघु वृद्धि की छंदाएँ नहीं दी जा रही हैं जो सभी में बन सकती हैं। अब आगे केवल वाचिक और मात्रिक छंदाएँ ही दी जायेंगी। इन्हें बनाने के लिये आधार गुच्छक के रूप में इस पाठ के प्रारंभ में बताये गये 8 गुच्छक में से कोई भी लिया जा सकता है।

"ज = (121 आधार गुच्छक)":-

121*2 = जादा, जादण, जादव (शुभमाल छंद)
121*4 = जाचा, जाचण, जाचव (मौक्तिकदाम छंद)
121*2 2 = जादग, जदगण
121*3 2 = जाबग, जबगण
121*4 2 = जाचग, जचगण
(इन छंदाओं में अंत में ग के स्थान पर ली या गी भी संयोजित हो सकता है। जैसे - जदली, जबगी आदि।)
121*2 22, 121*2 22 = जदगिध, जदगीधण

121 1212 22 = जजिगी, जजिगिण
121 12121 2 = जाजींगा, जाजींगण
121 12121 12 = जाजींली, जाजींलिण
121 12121 22 = जाजींगी, जाजींगिण
121 12112 2 = जाजुग, जजुगण, जजुगव (महर्षि छंद)
121 12112 22 = जजुगी, जजुगिण
121 12122 22 = जाजेगी, जाजेगिण
121 121221 2 = जाजैंगा, जाजैंगण
121 121221 12 = जाजैंली, जाजैंलिण
121 121221 22 = जाजैंगी, जाजैंगिण
(इन्हें त्रिगुच्छकी छंदा का रूप देने के लिये आधार जगण को आवृत्त किया जायेगा। इससे जदजींगा, जदजैंली आदि छंदाएँ बनेंगी।)

121*2 +2 (जदगज, जाजिद, जादगजू, जादगजे)
121*2 +21 (जदगुज, जदगूजी, जदगूजू, जदगूजे)
121*2 +12 (जदलिज, जदलीजी, जाजुद, जदलीजे)
121*2 +22 (जदगिज, जदगीजी, जदगीजू, जाजेद)
(वर्ण संयोजन के पश्चात क्रमशः 121, 1212, 12112, 12122 गुच्छक की वाचिक छंदाएँ दी गयी हैं।)
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"जी = (1212 आधार गुच्छक)":-

1212 22 = जीगी, जीगिण
(यह छंदा 12122 2 से अलग है। इसमें रचनाकार चाहे तो 22 को 112 में भी ले सकता है।)

1212*2 2 = जीदग, जिदगण
1212*3 2 = जीबग, जिबगण
1212*4 2 = जीचग, जिचगण
(इन छंदाओं में अंत में ग के स्थान पर ली या गी भी संयोजित हो सकता है। जैसे - जिदली, जिबगी आदि।)
1212*3 12 = जिबली, जिबलिण, जिबलिव (आनन्द छंद)
1212*2 2, 1212*2 2 = जिदगध, जीदगधण

1212 121 = जीजा, जीजण
1212*2 121 = जीदज, जिदजण
1212*3 121 = जीबज, जिबजण
1212 12112 = जीजू, जीजुण
1212*2 12112 = जिदजू, जिदजुण

1212 12121 12 = जीजींली, जीजींलिण
1212 12121 22 = जीजींगी, जीजींगिण
1212 12122 22 = जीजेगी, जीजेगिण
1212 121221 2 = जीजैंगा, जीजैंगण
1212 121221 12 = जीजैंली, जीजैंलिण
1212 121221 22 = जीजैंगी, जीजैंगिण
(आधार गुच्छक की आवृत्ति से जिदजींगी, जिदजैंगा आदि त्रिगुच्छकी छंदाएँ बनेंगी)

1212 121*2 +2 = जिजदग, जीजदगण
(ग के स्थान पर ली या गी भी संयोजित हो सकता है।)
1212 12112*2 = जीजुद, जीजूदण

1212*2 +1 1212 = जीदलजी, जीदलजिण
1212*2 +2 1212 = जीदगजी, जीदगजिण
(इन छंदाओं में अंत में जी के स्थान पर जू, जे गणक भी आ सकते हैं।)
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"जीं = (12121 आधार गुच्छक)":-

12121 2 = जींगा, जींगण
12121 12 = जींली, जींलिण
12121 22 = जींगी, जींगिण
12121 22, 12121 22 = जींगिध, जींगीधण

12121*2 2 = जींदग, जींदागण
12121*2 12 = जींदाली, जींदालिण
12121*2 22 = जींदागी, जींदागिण
(ये छंदाएँ तीन की आवृत्ति में भी बनेंगी।)

12121 1212 = जींजी, जींजिण
12121 1212, 12121 1212 = जींजिध, जींजीधण
12121*2 1212 = जींदाजी, जींदाजिण
12121 22 1212 = जींगीजी, जींगीजिण
12121 221 1212 = जिलगींजी, जिलगींजिण
(इनके अंत में जी के स्थान पर जू, जे गणक भी आ सकते हैं।)

12121 121*2 +2 = जींजादग, जींजदगण
(ग के स्थान पर ली या गी भी संयोजित हो सकता है।)

12121 1212*2 = जींजिद, जींजीदण
12121 12112*2 = जींजुद, जींजूदण

12121 121, 12121 121 +2 = जींजाधग, जींजधगण
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"जू = (12112 आधार गुच्छक )":-

12112 2 = जूगा, जूगण
12112 22 = जूगी, जूगिण
12112 22, 12112 22 = जूगिध, जूगीधण

12112*2 2 = जूदग, जुदगण
12112*2 12 = जुदली, जुदलिण
12112*2 22 = जुदगी, जुदगिण
(ये छंदाएँ तीन की आवृत्ति में भी बनेंगी।)

12112 1212 = जूजी, जूजिण
12112 1212, 12112 1212 = जूजिध, जूजीधण
12112*2 1212 = जुदजी, जुदजिण
(अंत में जे गणक भी आ सकता है।)

12112 2 1212 = जुगजी, जुगजिण
12112 21 1212 = जूगूजी, जूगूजिण
12112 22 1212 = जूगीजी, जूगीजिण
12112 221 1212 = जूगींजी, जूगींजिण
(इनके अंत में जी के स्थान पर जू या जे गणक भी आ सकता है।)

12112 121*2 2 = जुजदग, जूजदगण
(ग के स्थान पर ली या गी भी संयोजित हो सकता है।)
12112 1212*2 = जूजिद, जूजीदण

12112 121, 12112 121 +2 = जुजधग, जूजधगण
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"जे = (12122 आधार गुच्छक )":-

12122 2 = जेगा, जेगण
12122 22 = जेगी, जेगिण
12122 22 12122 2 = जेगीजेगा, जेगीजेगण
12122 2, 12122 2 = जेगध, जेगाधण

12122*2 2 = जेदग, जेदागण
12122*2 12 = जेदाली, जेदालिण
12122*2 22 = जेदागी, जेदागिण
(ये छंदाएँ तीन की आवृत्ति में भी बनेंगी।)

12122 1212 = जेजी, जेजिण
12122 1212, 12122 1212 = जेजिध, जेजीधण
12122*2 1212 = जेदाजी, जेदाजिण
(इनके अंत में जी के स्थान पर जू गणक भी आ सकता है।)

12122 2 1212 = जेगाजी, जेगाजिण
12122 21 1212 = जेगूजी, जेगूजिण
12122 22 1212 = जेगीजी, जेगीजिण
12122 221 1212 = जेगींजी, जेगींजिण
(इनके अंत में जी के स्थान पर जू या जे गणक भी आ सकता है।)

12122 121*2 2 = जेजादग, जेजदगण
(ग के स्थान पर ली या गी भी संयोजित हो सकता है।)
12122 1212*2 = जेजिद, जेजीदण

12122 121, 12122 121 +2 = जेजाधग, जेजधगण
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"जैं = (121221 आधार गुच्छक )":-

121221 2 = जैंगा, जैंगण
121221 12 = जैंली, जैंलिण
121221 22 = जैंगी, जैंगिण
121221 2, 121221 2 = जैंगध, जैंगाधण

121221*2 2 = जैंदग, जैंदागण
121221*2 12 = जैंदाली, जैंदालिण
121221*2 22 = जैंदागी, जैंदागिण
(ये छंदाएँ तीन की आवृत्ति में भी बनेंगी।)

121221 1212 = जैंजी, जैंजिण
121221 1212, 121221 1212 = जैंजिध, जैंजीधण
121221*2 1212 = जैंदाजी, जैंदाजिण
121221 2 1212 = जैंगाजी, जैंगाजिण
121221 21 1212 = जैंगूजी, जैंगूजिण
121221 22 1212 = जैंगीजी, जैंगीजिण
121221 221 1212 = जेलगींजी, जेलगींजिण
(इनके अंत में जी के स्थान पर जू या जे गणक भी आ सकता है।)

121221 12122 = जैंजे, जैंजेण, जैंजेव (उपेन्द्रवज्रा छंद)
121221 12121 2 = जेलजींगा, जेलजींगण, जेलजींगव (वंशस्थ छंद)

121221 121*2 2 = जैंजादग, जैंजदगण
(ग के स्थान पर ली या गी भी संयोजित हो सकता है।)
121221 1212*2 = जैंजिद, जैंजीदण

121221 121, 121221 121 +2 = जैंजाधग, जैंजधगण
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जगणाश्रित बहुगणी छंदाएँ:-

जामक छंदाएँ:- इन छंदाओं में जगण और मगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता  है। मगण के किसी भी गव वर्ण को ओलल वर्ण में तोड़ा जा सकता है यदि उसके दोनों तरफ गुरु वर्ण रहे। यहाँ लघु वृद्धि की छंदाएँ नहीं दी जा रही जो सभी में बन सकती हैं।

12121 222 = जींमा, जींमण
12121 222, 12121 222 = जींमध, जींमाधण

(इन छंदाओं में आधार गुच्छक के रूप में जू (12112), जूं (121121), जे (12122) या जैं (121221) आ सकता है। म के स्थान पर भी मी या मू आ सकता है। जैसे- जूंमू)

12121 222 1212 = जींमाजी, जींमाजिण
(इस छंदा में आधार गुच्छक जू, जूं, जे, जैं तथा म के स्थान पर मी आ सकता है। अंतिम गुच्छक जू, जे रख सकते हैं। जैसे- जूमीजे)

12122*2  2222 =  जेदामी, जेदामिण, जेदामिव
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जातक छंदाएँ:- इन छंदाओं में जगण और तगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता है।

12121 2212 = जींती, जींतिण
12121 2212, 12121 2212 = जींतिध, जींतीधण

(इन में आधार गुच्छक के रूप में जू (12112), जूं (121121), जे (12122) या जैं (121221) आ सकता है। अंत में भी ती के स्थान पर तू या ते आ सकता है। जैसे- जूतुध)

12121 22122 1212 = जींतेजी, जींतेजिण
(इस छंदा में आधार गुच्छक जू, जूं, जे, जैं तथा अंतिम गुच्छक जू, जे रख सकते हैं। जैसे- जैंतेजी)

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जारक छंदाएँ:- इन छंदाओं में जगण और रगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता  है।

12112 212 = जूरा, जूरण
12112 212, 12112 212 = जूरध, जुरधण
(इस छंदा में आधार गुच्छक जे तथा अंतिम गुच्छक री या रागी रख सकते हैं। जैसे- जेरागी)

12112 2122 1212 = जूरीजी, जूरीजिण
12122 2122 12122 = जेरीजे, जेरीजेण

12112 2122 = जूरी, जूरिण, जूरिव (भुआल छंद)
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जायक छंदाएँ:- इन छंदाओं में जगण और यगण आधारित गुच्छक का प्रयोग होता  है।

12121 122 = जींया, जींयण
12121 122, 12121 122 = जींयध, जींयाधण
12121 122 1212 = जींयाजी, जींयाजिण

(इन में आधार गुच्छक के रूप में जूं (121121) या जैं (121221) आ सकता है। य के स्थान पर यी तथा अंत में जी के स्थान पर जू या जे आ सकता है। जैसे- जूंयी, जैंयाजे।)

12121 122 1212 22 = जींयाजीगी, जींयाजीगिण
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जाभक छंदाएँ:- इन छंदाओं में जगण और भगण आधारित गुच्छक का प्रयोग रहता  है।

12112 2112 = जूभी, जूभिण
12112 2112, 12112 2112 = जूभिध, जूभीधण
(इस छंदा में आधार गुच्छक जे तथा अंतिम गुच्छक भे रख सकते हैं। जैसे- जेभे)

12112 2112 1212 = जूभीजी, जूभीजिण
12122 2112 1212 = जेभीजी, जेभीजिण
(इनमें अंत में जू या जे गणक भी रख सकते हैं।)

12122*2 2112 = जेदाभी, जेदाभिण
12122*2 21122 = जेदाभे, जेदाभेण
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बासुदेव अग्रवाल 'नमन' ©
तिनसुकिया

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