Thursday, December 21, 2023

विविध कुण्डलिया

1- नोट-बंदी

होगा अब इस देश में, नोट रहित व्यापार।
बैंकों में धन राखिए, नगदी है बेकार।
नगदी है बेकार, जेबकतरे सब रोए।
घर में जब नहिँ नोट, सेठ अब किस पर सोए।
नोट तिजौरी राख, बहुत सुख सब ने भोगा।
रखे 'नमन' कवि आस, कछु न काला अब होगा।।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन' ©
तिनसुकिया
15-12-16

2- सच्चा सुख

रखना मन में शांति का, सर्वोत्तम व्यवहार।
पर कायरपन मौन है, लख कर अत्याचार।
लख कर अत्याचार, और भी दह कर निखरो।
बाधाएँ हों लाख, नहीं जीवन में बिखरो।
सच्चे सुख का स्वाद, अगर तुम चाहो चखना।
रख खुद पर विश्वास, धीर को धारे रखना।।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन' ©
तिनसुकिया
29-06-19

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