Monday, January 23, 2023

पिरामिड (प्रेम)

(1)

हो
प्रेम,
सद्भाव
बरसात;
मन-वाटिका,
खिल खिल जाये,
मैत्री-भाव जगाये।
**

(2)

है
मन 
सौहार्द्र,
स्नेह सिक्त;
विकार-रिक्त,,
प्रेम-आभरण
नर करे वरण।
**

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
1-07-19

2 comments:

  1. वाह!!!
    बहुत सुंदर वर्ण पिरामिड।

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    1. बासुदेव अग्रवाल नमनWednesday, January 25, 2023 1:29:00 PM

      आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

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