पुलवामा घटना पर
शैतान का खिलौना
एक मानवी पुलिंदा,
जो मौत का दरिंदा
आग में जल मरने को
तैयार परिंदा,,,,
जल रहा अलाव
उसमें कुछ बेखबर
तप रहे आग।
वह उसी में आ धमका,
हुआ जोर का धमाका
हुआ जब सब शांत
न लोग, न आग
न वह मौत का नाग
बस बची,,,,
कुछ क्षत विक्षत लाश।
ठगा सा गाँव
लकीर पीटते ग्रामीण
और हँसता शैतान।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
22-02-19
शैतान का खिलौना
एक मानवी पुलिंदा,
जो मौत का दरिंदा
आग में जल मरने को
तैयार परिंदा,,,,
जल रहा अलाव
उसमें कुछ बेखबर
तप रहे आग।
वह उसी में आ धमका,
हुआ जोर का धमाका
हुआ जब सब शांत
न लोग, न आग
न वह मौत का नाग
बस बची,,,,
कुछ क्षत विक्षत लाश।
ठगा सा गाँव
लकीर पीटते ग्रामीण
और हँसता शैतान।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
22-02-19
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