Saturday, August 22, 2020

गुर्वा (भक्ति)

शारद वंदन:-

वंदन वीणा वादिनी,
मात ज्ञान की दायिनी,
काव्य बोध का मैं कांक्षी।
***

राम नाम:-

राम नाम है सार प्राणी,
बैल बना तू अंधा,
जग है चलती घाणी।
***

सरयू के तट पर बसी,
धूम अयोध्या में मची,
ज्योत राम मंदिर की जगी।
***

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
12-08-20

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