Friday, September 3, 2021

ग़ज़ल (भारत पर अभिमान रखूँ)

22  22  22  2

भारत पर अभिमान रखूँ,
अपना सीना तान रखूँ।

देश ही मेरा सब कुछ है,
मन में बस ये शान रखूँ।

भाषा और धर्म के अपने,
गौरव का मैं मान रखूँ।

दुश्मन की हर हलचल पर,
खुल्ली आँखें, कान रखूँ।

हाँ, इस युग में ढ़ल न सका,
पर-पीड़ा का भान रखूँ।

दीन दुखी की सेवा का,
तन-मन-धन से ध्यान रखूँ।

देश 'नमन' शत बार तुझे,
तुझ से ही पहचान रखूँ।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
31-12-2018

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