Tuesday, August 24, 2021

हाइकु (जीवन)

जलते रहे
जीवन के आले में
स्मृति दीपक।
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जीवन चाहे
हर हाल में ढ़ल
बने रहना।
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जो ढ़ल गया
सतत-जीवन सा
वो ही जी गया।
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जीवन-गति
कोष बद्ध स्पन्दित
शाश्वत शक्ति
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बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
22-05-19

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