(1)
करें सामना कोरोना का, जरा न हमको रोना है,
बीमारी ये व्यापक भारी, चैन न मन का खोना है,
संयम तन मन का हम रख कर, दूर रहें अफवाहों से,
दृढ़ संकल्प सभी का ये हो, रोग पूर्ण ये धोना है।
(ताटंक छंद आधारित)
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(2)
यही प्रश्न है अब तो आगे, भूख बड़ी या कोरोना,
करो पेट की चिंता पहले, छोड़ो सब रोना धोना,
संबंधो से धो हाथों को, शायद बच भी हम जाएँ,
मँहगाई बेरोजगार से, तय है सांसों का खोना।
(लावणी छंद आधारित)
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बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
24-04-21
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