Thursday, November 18, 2021

मुक्तक (पर्व विशेष-3)

(दिवाली)

दिवाली की बधाई है मेरी साहित्य बन्धुन को,
सभी बहनें सभी भाई करें स्वीकार वन्दन को,
भरे भण्डार लक्ष्मी माँ सभी के प्रार्थना मेरी,
रखें सौहार्द्र नित धारण करें साहित्य चन्दन को।

(1222×4)

दीपोत्सव के, जगमग करें, दीप यूँ ही उरों में।
सारे वैभव, हरदम रहें, आप सब के घरों में।
माता लक्ष्मी, सहज कर दें, आपकी जिंदगी को।
दिवाली पे, 'नमन' करता, मात को गा सुरों में।।

(मन्दाक्रांता छंद)
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बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
19-10-2016

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