Tuesday, March 10, 2020

नणँदल नखराँली ‌(होली धमार गीत)

नणँदल नखराँली, नणदोई म्हारो बोळो छेड़ै है,
बस में राखो री।।टेर।।

सोलह सिंगाराँ रो रसियो, यो मारूड़ो थारो है,
बणी ठणी रह घणी धणी नै, रोज रिझाओ री,
नणँदल नखराँली।।

काजू दाखाँ अखरोटां रो, नणदोई शौकीन घणो,
भर भर मुट्ठा मुंडा में दे, खूब खिलाओ री,
नणँदल नखराँली।।

नारैलाँ री चटणी रो, नणदोई भोत चटोरो है,
डोसा इडली सागै चटणी, खूब चटाओ री,
नणँदल नखराँली।।

मालपुआ रस भीज्या भीज्या, चोखा इणनै लागै है,
चूल्हे चढ़ी कड़ाही राखो, रोज उतारो री,
नणँदल नखराँली।।

नाच गीत ओ ठुमका ठरका, इणनै बोळा भावै है,
डाल घूँघटो घर में घूमर, घाल नचाओ री,
नणँदल नखराँली।।

कोमल हाथाँ री मालिस रो, थारो मारू रसियो है,
गर्म तेल रा रोज मल्हारा, कसकर देओ री,
नणँदल नखराँली।।

फागण में नणदोई न्यारो, पाछै पाछै भाजै है,
खुल्लो मत छोड़ो इब इणनै, बाँध्यो राखो री,
नणँदल नखराँली।।

कह्यो सुण्यो सब माफ़ करीज्यो, म्हारो नणदोई बाँको,
'बासुदेव' होली पर इणरी, ये मनुहाराँ री,
नणँदल नखराँली।।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
9-3-18

No comments:

Post a Comment