Sunday, February 16, 2020

मत्तगयंद सवैया "वृथा जन्म"

7 भगण (211) की आवृत्ति के बाद 2 गुरु

बालक जन्म लियो जब से तब से जननी उर से चिपक्यो है।
होय जवान गयो जब वो तिय के रस में दिन रैन रम्यो है।
वृद्ध भयो परिवार बँद्यो अरु पुत्र प्रपुत्रन नेह पग्यो है।
'बासु' कहे सब आयु गयी पर मूढ़ कभी नहिं राम भज्यो है। 

बासुदेव अग्रवाल नमन
तिनसुकिया
20-11-2018

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