अरे रामा! सावन की रुत जी जलाये - 2
सखि मोहे सजना की याद सताये,
हाये सखि सजना की याद सताये।
कारे मेघा उमड़ डरायें,
अरे रामा मेघा डरायें!!!
कारे मेघा उमड़ डरायें,
देख बिजुरिया जी घबराये,
ऐसे में भर अंक सजनवा,
सखि भर अंक सजनवा,
अरे रामा छतिया से वे चिपकायें
सखि मोहे सजना की याद सताये।
खिली हुई प्यारी हरियाली,
हे रामा प्यारी हरियाली!!!
खिली हुई प्यारी हरियाली,
कूक रही कोयल मतवाली,
पर मेरे हैं दूर सजनवा,
हाय सखि दूर सजनवा,
अरे रामा रह रह जिया तड़पायें,
सखि मोहे सजना की याद सताये।
झूल रहीं बागों में सखियाँ,
अरे रामा बागों में सखियाँ!!!
झूल रहीं बागों में सखियाँ,
गायें कजरी मटका अँखियाँ,
सबके हैं घर में ही सजनवा,
हाय सखि घर में सजनवा,
अरे रामा मुझ को भी गीत सुनायें,
सखि मोहे सजना की याद सताये।
अरे रामा! सावन की रुत जी जलाये,
सखि मोहे सजना की याद सताये।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
31-08-20
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