Monday, June 21, 2021

गोवर्धन धारण

गोवर्धन धारण


ब्रज विपदा हारण, सुरपति कारण, आये जब यदुराज।
गोवर्धन धारा, सुरपति हारा, ब्रज का साधा काज।
हे कृष्ण मुरारी! जनता सारी, विपदा में है आज।
कर जोड़ सुमरते, विनती करते, रखियो हमरी लाज।

बासुदेव अग्रवाल
तिनसुकिया

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