आरोही अवरोही पिरामिड
(1-11 और 11-1)
को
नहीं
जानत
जग में तु
दूत राम को।
महिमा दी तूने
सालासर ग्राम को।
राम लखन को लाए
पावन किष्किंधा धाम को।
सागर लांघा लंकिनी मारी
लंका में छेड़ दिया संग्राम को।
सौंप मुद्रिका, उजाड़ी वाटिका
जारे तब लंका ललाम को।
स्वीकार करो बजरंगी
तुम मेरे प्रणाम को।
हे बाबा रक्षा कर
आठहुँ याम को।
'नमन' करूँ
पूर्ण करो
सारे ही
काम
को।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
22-06-18
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