कामरूप छंद विधान / वैताल छंद विधान -
कामरूप छंद जो कि वैताल छंद के नाम से भी जाना जाता है, 26 मात्रा प्रति पद का सम मात्रिक छंद है। इसका पद 9 मात्रा, 7 मात्रा और 10 मात्रा के तीन यति खण्डों में विभक्त रहता है। इस छंद के प्रत्येक चरण की मात्रा बाँट निम्न प्रकार से है :-
(1) प्रथम यति- 2 + 3 (केवल ताल) + 4 = 9 मात्रा। इसका वर्णिक विन्यास 22122 है।
(2) द्वितीय यति- इसका वर्णिक विन्यास 2122 = 7 मात्रा है।
(3) तृतीय यति- इसका वर्णिक विन्यास 2122 21 = 10 मात्रा है। इसको 1222 21 रूप में भी रखा जा सकता है, पर चरण का अंत सदैव ताल (21) से होना आवश्यक है।
22122, 2122, 2122 21 (अत्युत्तम)। चूंकि यह छंद एक मात्रिक छंद है अतः इसमें 2 (दीर्घ वर्ण) को 11 (दो लघु वर्ण) करने की छूट है। यह चार पद का छंद है जिसके दो दो पद समतुकांत या चारों पद समतुकांत रहते हैं। आंतरिक यति भी समतुकांत हो तो और अच्छा परन्तु जरूरी भी नहीं।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन' ©
तिनसुकिया
4-03-17
No comments:
Post a Comment