22 22 22 22
जग में जो भी आने वाला,
वह सब इक दिन जाने वाला।
कौन निभाये साथ दुखों में,
हर कोई समझाने वाला।
साथ चला रहबर बन जो भी,
निकला ख़ार बिछाने वाला।
लाखों घी डालें जलती में,
बिरला आग बुझाने वाला।
आज कहाँ मिलता है कोई,
सच्ची राह दिखाने वाला।
ऊपर से ले नीचे तक हर,
सत्ता में है खाने वाला।
खुद पे रख विश्वास 'नमन' तू,
कोइ न हाथ बँटाने वाला।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
4-2-19
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