(नेताजी)
आज तेइस जनवरी है याद नेताजी की कर लें,
हिन्द की आज़ाद सैना की हृदय में याद भर लें,
खून तुम मुझको अगर दो तो मैं आज़ादी तुम्हें दूँ,
इस अमर ललकार को सब हिन्दवासी उर में धर लें।
(2122*4)
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तुलसीदास जी की जयंती पर मुक्तक पुष्प
लय:- इंसाफ की डगर पे
तुलसी की है जयंती सावन की शुक्ल सप्तम,
मानस सा ग्रन्थ जिसने जग को दिया है अनुपम,
चरणों में कर के वन्दन करता 'नमन' में तुमको,
भारत के गर्व तुम हो हिन्दी की तुमसे सरगम।।
(221 2122)*2
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(चन्द्र शेखर आज़ादजी की पुण्य तिथि पर। जन्म 1906।)
तुम शुभ्र गगन में भारत के, चमके जैसे चन्दा उज्ज्वल।
ऐंठी मूंछे, चोड़ी छाती, आज़ाद खयालों के थे प्रतिपल।
अंग्रेजों को दहलाया था, दे अपना उत्साही यौवन।
हे शेखर! 'नमन' तुम्हें शत शत, जो खिले हृदय में बन शतदल।।
(मत्त सवैया आधारित)
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(ताटंक छंद में झांसी की रानी को श्रद्धांजलि)
बुन्देलखण्ड की ज्वाला थी, झांसी की तू रानी थी।
करवाने आज़ाद देश ये, तूने मन में ठानी थी।
भारतवासी के हृदयों में, स्थान अमर रानी तेरा।
खूब लड़ी थी अंग्रेजों से, ना तेरी ही सानी थी।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
23-02-18
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