बह्र:- 1212 1122 1212 22/112
बड़ा खुदा से न कोई ये एतबार की बात,
बड़ी खुदा से मुहब्बत ये जानकार की बात।
दुकान में न बिके ये इजारे पे न मिले,
रही कभी न मुहब्बत नगद उधार की बात।
सितम हजारों सहूँ कोशिशें करूँ लाखों,
है उनके प्यार का मिलना न इख़्तियार की बात।
पिया जो जामे मुहब्बत कहानी वो न बने,
लबों से चू जो पड़े ये तो है प्रचार की बात।
सुनो वतन के जवानों न पीछे हटना तुम,
कभी भी इसके लिए जो हो जाँ निसार की बात।
मैं गीत और ग़ज़ल में हूँ गूँथता रो कर,
सदा गरीब के दुख, दर्द और प्यार की बात।
लगाया दिल जो किसी से न हटना पीछे फिर,
'नमन' हो चाहे ये कितने भी इंतज़ार की बात।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
18-02-2017
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