Friday, July 16, 2021

राजस्थानी डाँखला -3

(1)

शेरां कै घरां मैं देखो जामण लाग्या गादड़ा,
राज तो करै है ना चरावण जाणै बाछड़ा।
अबलाओं दीन पर,
चढावै बुलडोजर।
देशद्रोही उन्मादी मिल नाचै भांगड़ा।।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
11-2-21

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