बहरे मीर:- 22 22 22 22
देख तुम्हारी भोली सूरत,
भूल गये हम सबकी सूरत।
आँखों में तुम ही तुम छायी,
और नहीं अब भाती सूरत।
दिल पर करम करो, मिलने की,
तुम्हीं निकालो कोई सूरत।
देख आइना मत इतराओ,
सबको प्यारी अपनी सूरत।
अगर देखना है विकास तो,
जाकर देखें नगरी सूरत।
जब चुनाव नेड़े आते हैं,
नेताओं की दिखती सूरत।
'नमन' कहे मतलब की खातिर,
आज देश की बिगड़ी सूरत।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
04-12-2017
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