दोहा छंद
'यरता' लघु 'भजसा' गुरो, आदि मध्य अरु अंत।
'ना' लघु सब 'मा' गुरु सभी, गण विचारते संत।।
गण विचार कैसे करें:-
कुल गण 8 होते हैं, तथा किसी भी गण में 3 वर्ण होते हैं। उस वर्ण की मात्रा या तो दीर्घ (2) होगी अन्यथा लघु (1) होगी।
'यरता' लघु सूत्र से अक्षर के अनुसार 3 गण दिग्दर्शित होते हैं जो क्रमश: यगण, रगण और तगण हैं। अब इनमें क्रमश: लघु वर्ण की स्थिति आदि, मध्य और अंत है। तो इन 3 गणों का निम्न रूप बनेगा।
यगण=122
रगण=212
तगण=221
इसी प्रकार 'भजसा' गुरो सूत्र से अक्षर के अनुसार 3 गण दिग्दर्शित होते हैं जो क्रमश: भगण, जगण और सगण हैं। अब इनमें क्रमश: दीर्घ वर्ण की स्थिति आदि, मध्य और अंत है। तो इन 3 गणों का निम्न रूप बनेगा।
भगण=211
जगण=121
सगण=112
'ना' लघु सब अर्थात नगण=111
'मा' गुरु सभी अर्थात मगण=222
इसप्रकार मेरे स्वरचित उपरोक्त दोहे से किसी भी गण के मात्रा-विन्यास का शीघ्र पता लग जाता है। जैसे जगण का नाम आते ही मस्तिष्क में तुरन्त 'भजसा गुरो' कौंधना चाहिए और भजसा में ज मध्य में है तो, हमें तुरन्त पता चल जाता है कि इसका रूप 121 है।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
10-05-2019
'ना' लघु सब 'मा' गुरु सभी, गण विचारते संत।।
गण विचार कैसे करें:-
कुल गण 8 होते हैं, तथा किसी भी गण में 3 वर्ण होते हैं। उस वर्ण की मात्रा या तो दीर्घ (2) होगी अन्यथा लघु (1) होगी।
'यरता' लघु सूत्र से अक्षर के अनुसार 3 गण दिग्दर्शित होते हैं जो क्रमश: यगण, रगण और तगण हैं। अब इनमें क्रमश: लघु वर्ण की स्थिति आदि, मध्य और अंत है। तो इन 3 गणों का निम्न रूप बनेगा।
यगण=122
रगण=212
तगण=221
इसी प्रकार 'भजसा' गुरो सूत्र से अक्षर के अनुसार 3 गण दिग्दर्शित होते हैं जो क्रमश: भगण, जगण और सगण हैं। अब इनमें क्रमश: दीर्घ वर्ण की स्थिति आदि, मध्य और अंत है। तो इन 3 गणों का निम्न रूप बनेगा।
भगण=211
जगण=121
सगण=112
'ना' लघु सब अर्थात नगण=111
'मा' गुरु सभी अर्थात मगण=222
इसप्रकार मेरे स्वरचित उपरोक्त दोहे से किसी भी गण के मात्रा-विन्यास का शीघ्र पता लग जाता है। जैसे जगण का नाम आते ही मस्तिष्क में तुरन्त 'भजसा गुरो' कौंधना चाहिए और भजसा में ज मध्य में है तो, हमें तुरन्त पता चल जाता है कि इसका रूप 121 है।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
10-05-2019
बहुत सुन्दर तरीके से समझाया सर।
ReplyDeleteआपका आत्मिक आभार।
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