कवि सम्मेलन का आमंत्रण मिला न मुझको आने का।
कर उपवास बताऊँगा अब क्या मतलब न बुलाने का।
मौका हाथ लगा छिप कर के छोले खूब उड़ाने का।
अवसर आया गिरगिट जैसा मेरा रंग दिखाने का।।
उजले कपड़ों में सजधज आऊँ,
चेलों को साथ लाऊँ,
मैं फोटुवें खिंचाऊँ,
महिमा उपवास की है भारी,
बासुदेव कहे सुनो नर नारी।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
कर उपवास बताऊँगा अब क्या मतलब न बुलाने का।
मौका हाथ लगा छिप कर के छोले खूब उड़ाने का।
अवसर आया गिरगिट जैसा मेरा रंग दिखाने का।।
उजले कपड़ों में सजधज आऊँ,
चेलों को साथ लाऊँ,
मैं फोटुवें खिंचाऊँ,
महिमा उपवास की है भारी,
बासुदेव कहे सुनो नर नारी।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
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