Wednesday, May 26, 2021

मुक्तक (कोरोना बीमारी - 1)

(लावणी छंद आधारित)

(1)

कोरोना का मतलब समझो, कोई रोडपे ना निकले,
लोगों के इस एक कदम से, हल बीमारी का निकले,
फैले जो छूने भर से हम, इससे सारे दूर रहें,
सबका ध्येय यही हो कैसे, देश से कोरोना निकले।

(2)

नाई की ज्यों नाइन होती, ठाकुर की ठकुराइन है,
कोरोना की घरवाली त्यों, समझो कोरोन्टाइन है,
नर की तो रहती नकेल ही, घरवाली के हाथों में,
कोरोन्टाइन से ही बस में, कोरोना की लाइन है।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
24-03-21

4 comments:

  1. वाहः उत्तम उपाय लावणी के माध्यम से।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सब लोग माने तो बहुत अच्छा है।

      Delete
    2. हमारे ब्लॉग पर भी आइएगा आपका स्वागत है🙏🙏

      Delete
  2. 👌👌वाह! बहुत ही बेहतरीन 👌👌👌

    ReplyDelete