(चोका कविता)
जापानी विधा
5-7, 5-7, 5-7 -------- +7 वर्ण प्रति पंक्ति
पूर्वाग्रह क्या?
अधकचरी सोच
तर्क-विहीन
कुंठाओं का आगार।
जो मन में है
वही शाश्वत सत्य
अन्य सकल
केवल निराधार।
नवीन सोच?
वैचारिक क्षुद्रता
परिवर्तन?
पथभ्रष्ट विचार।
पूर्वाग्रही है...
स्वयंभू न्यायाधीश
थोपे जो न्याय
विरोध न स्वीकार।
पूर्वाग्रह दे
तानाशाही प्रवृत्ति,
दम्भ, पाखण्ड,
निर्लज्ज व्यवहार।
मानव-मन
पूर्वाग्रह ग्रसित
सदैव करे
स्वार्थ भरा व्यापार।
निर्मम अत्याचार।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
13-04-18
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