काफ़िया = आये, रदीफ़ = शब्द
मान और अपमान दउ, देते आये शब्द।
अतः तौल के बोलिये, सब को भाये शब्द।।
सजा हस्ति उपहार में, कभी दिलाये शब्द।
उसी हस्ति के पाँव से, तन कुचलाये शब्द।।
शब्द ब्रह्म अरु नाद हैं, शब्द वेद अरु शास्त्र।
कण कण में आकाश के, रहते छाये शब्द।।
शब्दों से भाषा बने, भाषा देती ज्ञान।
ज्ञान कर्म का मूल है, कर्म सिखाये शब्द।।
देश काल अरु पात्र का, करलो पूर्ण विचार।
सोच समझ बोलो तभी, हृदय सजाये शब्द।।
ठेस शब्द की है बड़ी, झट से तोड़े प्रीत।
बिछुड़े प्रेमी के मनस, कभी मिलाये शब्द।।
वन्दन क्रंदन अरु 'नमन', काव्य छंद सुर ताल।
भक्ति शक्ति अरु मुक्ति का, द्वार दिखाये शब्द।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
10-08-17
मान और अपमान दउ, देते आये शब्द।
अतः तौल के बोलिये, सब को भाये शब्द।।
सजा हस्ति उपहार में, कभी दिलाये शब्द।
उसी हस्ति के पाँव से, तन कुचलाये शब्द।।
शब्द ब्रह्म अरु नाद हैं, शब्द वेद अरु शास्त्र।
कण कण में आकाश के, रहते छाये शब्द।।
शब्दों से भाषा बने, भाषा देती ज्ञान।
ज्ञान कर्म का मूल है, कर्म सिखाये शब्द।।
देश काल अरु पात्र का, करलो पूर्ण विचार।
सोच समझ बोलो तभी, हृदय सजाये शब्द।।
ठेस शब्द की है बड़ी, झट से तोड़े प्रीत।
बिछुड़े प्रेमी के मनस, कभी मिलाये शब्द।।
वन्दन क्रंदन अरु 'नमन', काव्य छंद सुर ताल।
भक्ति शक्ति अरु मुक्ति का, द्वार दिखाये शब्द।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
10-08-17
अनुपम है दोहा गजल, रस बरसायें शब्द
ReplyDeleteमन वृन्दावन हो गया, रास रचायें शब्द.
अक्षर सम अक्षर रहें, लेकर अपनी नाद
सोच समझ चुनिए सदा, प्रीति निभायें शब्द.
अंतिम पद में आपने, सही कही है बात
"भक्ति शक्ति अरु मुक्ति का, द्वार दिखायें शब्द"