(चोका कविता)
जापानी विधा चोका
5-7, 5-7, 5-7 -------- +7 वर्ण प्रति पंक्ति
गुलाब बनो
सौरभ बिखराओ,
राहगीर को
काँटे मत चुभाओ,
चिराग बनो
आलोक छिटकाओ,
आग को लगा
घर मत जलाओ,
बिजली बनो
जग जगमगाओ,
किसी पे गिर
उसे मत उजाड़ो,
अस्तित्व न मिटाओ।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
30-06-19
ReplyDeleteबहुत अच्छी चौका (गुलाब बनो) प्रस्तुति
आ0 कविता रावत जी आपका अतिसय आभार।
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