Saturday, December 21, 2019

मत्तगयंद सवैया (पैर मिले)

7 भगण (211) की आवृत्ति के बाद 2 गुरु

पैर मिले करने सब तीरथ, हाथ दुखारिन दान दिलाने।
कान मिले सुनिए प्रभु का जस, नैन मिले छवि श्याम बसाने।
बैन मिले नित गा हरि के गुण, माथ दयानिधि पाँव नवाने।
'बासु' कहे सब नीक दिये प्रभु, क्यों फिर पेटहु पाप कमाने।।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
03-09-17

1 comment:

  1. मैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही शानदार है।
    मैं भी ब्लॉगर हूँ
    मेरे ब्लॉग पर जाने के लिए
    यहां क्लिक करें:- आजादी हमको मिली नहीं, हमने पाया बंटवारा है !

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