(रक्षा बंधन)
आज राखी आज इस त्योहार की बातें करें।
भाई बहनों के सभी हम प्यार की बातें करें।
नाम बहनों के लिखें हम साल का प्यारा ये दिन।
आज तो बहनों के ही मनुहार की बातें करें।।
(2122*3 212)
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(दशहरा के पावन अवसर पर)
आज दिन रावण मरा था, ये कथा मशहूर जग में,
दिन इसी से दशहरे की, रीत का है नूर जग में,
हम भलाई की बुराई पे मनाएं जीत मिल कर,
है पतन उनका सुनिश्चित, हों जो मद में चूर जग में।
(2122*4)
लोभ बुराई का दुनिया से, हो विनष्ट जब वास,
राम राज्य का लोगों को हो, मन में तब आभास,
विजया दशमी पर हम प्रण कर, अच्छाई लें धार,
धरा पाप से हो विमुक्त जब, वो सच्चा उल्लास।
(सरसी)
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बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
19-10-2016