दोहा छंद
हुआ सूर्य का संक्रमण, मकर राशि में आज।
मने पर्व संक्रांति का, ले कर पूरे साज।।
शुचिता तन मन की रखें, धरें सूर्य का ध्यान।
यथा शक्ति सब ही करें, तिल-लड्डू का दान।।
सुख वैभव सम्पत्ति का, यह पावन है पर्व।
भारत के हर प्रांत में, इसका न्यारा गर्व।।
पोंगल, खिचड़ी, लोहड़ी, कहीं बिहू का रंग।
कहीं पतंगों का दिवस, इसके अपने ढंग।।
संस्कृति, रीत, परम्परा, अपनी सभी अनूप।
सबके अपने अर्थ हैं, सबके अपने रूप।।
भेद भाव त्यज हम सभी, मानें ये त्योहार।
प्रीत नेह के रस भरे, पावन ये आगार।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
15-01-19
मने पर्व संक्रांति का, ले कर पूरे साज।।
शुचिता तन मन की रखें, धरें सूर्य का ध्यान।
यथा शक्ति सब ही करें, तिल-लड्डू का दान।।
सुख वैभव सम्पत्ति का, यह पावन है पर्व।
भारत के हर प्रांत में, इसका न्यारा गर्व।।
पोंगल, खिचड़ी, लोहड़ी, कहीं बिहू का रंग।
कहीं पतंगों का दिवस, इसके अपने ढंग।।
संस्कृति, रीत, परम्परा, अपनी सभी अनूप।
सबके अपने अर्थ हैं, सबके अपने रूप।।
भेद भाव त्यज हम सभी, मानें ये त्योहार।
प्रीत नेह के रस भरे, पावन ये आगार।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
15-01-19
No comments:
Post a Comment