सरसी छंद / कबीर छंद
सरसी छंद जो कि कबीर छंद के नाम से भी जाना जाता है, चार पदों का सम-पद मात्रिक छंद है। इस में प्रति पद 27 मात्रा होती है। यति 16 और 11 मात्रा पर है अर्थात प्रथम चरण 16 मात्रा का तथा द्वितीय चरण 11 मात्रा का होता है। दो दो पद समतुकान्त।
मात्रा बाँट-16 मात्रिक चरण ठीक चौपाई छंद वाला चरण और 11 मात्रा वाला ठीक दोहा छंद का सम चरण। छंद के 11 मात्रिक खण्ड की मात्रा बाँट अठकल+त्रिकल (ताल यानी 21) होती है। सुमंदर छंद के नाम से भी यह छंद जाना जाता है।
कुछ और भी नियम होते हैं क्या जैसे अंत मे क्या आएगा दोहों की तरह गुरु लघु या कुछ और.... कृपया बताएं
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