Tuesday, November 19, 2019

क्षणिका (लोकतंत्र)

कुछ इंसान शेर
बाकी बकरियाँ,,,,
कुछ बाज
बाकी चिड़ियाँ,,
कुछ मगर, शार्क
बाकी मछलियाँ,,
और जब ये सब,
बकरी, चिड़िया, मछली,,
अपनी अपनी राग में
अलग अलग सुर में,
इन शेर, बाज, शार्क से,
जीने का हक और
सुरक्षा माँगने लगें,
तो समझ लें
यही लोकतंत्र है?

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
30-06-19

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