1) छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए
2) कर चले हम फ़िदा जानो तन साथियों
3) बेखुदी में सनम उठ गए जो कदम
4) जिस गली में तेरा घर न हो बालमा
5) मेरे महबूब में क्या नहीं क्या नहीं
6) दिल ने मज़बूर इतना ज़ियादा किया
7) ऐ वतन ऐ वतन तेरे सर की कसम
8) खुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी
9) हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए
2) कर चले हम फ़िदा जानो तन साथियों
3) बेखुदी में सनम उठ गए जो कदम
4) जिस गली में तेरा घर न हो बालमा
5) मेरे महबूब में क्या नहीं क्या नहीं
6) दिल ने मज़बूर इतना ज़ियादा किया
7) ऐ वतन ऐ वतन तेरे सर की कसम
8) खुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी
9) हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी
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