काफ़िया = ई; रदीफ़ = भूख
दुनिया में सबसे बड़ी, है रोटी की भूख।
पाप कराये घोरतम, जब बिलखाती भूख।।
आँतड़ियाँ जब ऐंठती, जलने लगता पेट।
नहीं चैन मन को पड़े, समझो जकड़ी भूख।।
मान, प्रतिष्ठा, ओहदा, कभी न दें सन्तोष।
ज्यों ज्यों इनकी वृद्धि हो, त्यों त्यों बढ़ती भूख।।
कमला तो चंचल बड़ी, कहीं न ये टिक पाय।
प्राणी चाहे थाम रख, धन की ऐसी भूख।।
भला बूरा दिखता नहीं, चढ़े काम का जोर।
पशुवत् मानव को करे, ये जिस्मानी भूख।।
राजनीति के पैंतरे, नेताओं की चाल।
कुर्सी की इस देश में, सबसे भारी भूख।।
'नमन' भूख पर ही टिका, लोगों का व्यवहार।
जग की है फ़ितरत यही, सब पर हाबी भूख।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
08-12-2017
दुनिया में सबसे बड़ी, है रोटी की भूख।
पाप कराये घोरतम, जब बिलखाती भूख।।
आँतड़ियाँ जब ऐंठती, जलने लगता पेट।
नहीं चैन मन को पड़े, समझो जकड़ी भूख।।
मान, प्रतिष्ठा, ओहदा, कभी न दें सन्तोष।
ज्यों ज्यों इनकी वृद्धि हो, त्यों त्यों बढ़ती भूख।।
कमला तो चंचल बड़ी, कहीं न ये टिक पाय।
प्राणी चाहे थाम रख, धन की ऐसी भूख।।
भला बूरा दिखता नहीं, चढ़े काम का जोर।
पशुवत् मानव को करे, ये जिस्मानी भूख।।
राजनीति के पैंतरे, नेताओं की चाल।
कुर्सी की इस देश में, सबसे भारी भूख।।
'नमन' भूख पर ही टिका, लोगों का व्यवहार।
जग की है फ़ितरत यही, सब पर हाबी भूख।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
08-12-2017
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