ओम जय पतिदेव प्रिये
स्वामी जय पतिदेव प्रिये।
चौथ मात से विनती-2
शत शत वर्ष जिये।।
कार्तिक लगते आई, चौथ तिथी प्यारी।
करवा चौथ कहाये, सब से ये न्यारी।।
ओम जय पतिदेव प्रिये।
सूर्योदय से लेकर, जब तक चाँद दिखे।
तेरे कारण धारूँ, व्रत कुछ भी न चखे।।
ओम जय पतिदेव प्रिये।
सुनूँ कहानी माँ की, लाल चुनर धारूँ।
करवा रख कर पुजूँ, माँ पर सब वारूँ।।
ओम जय पतिदेव प्रिये।
चन्द्र ओट ले देखूँ, अर्ध्य उसे देऊँ।
दीर्घ आयु का तेरा, उससे वर लेऊँ।।
ओम जय पतिदेव प्रिये।
तेरे हाथों फिर मैं, व्रत तोड़ूँ साजन।
'नमन' सदा ही रखना, मुझको प्रिय भाजन।।
ओम जय पतिदेव प्रिये
स्वामी जय पतिदेव प्रिये।
चौथ मात से विनती-2
शत शत वर्ष जिये।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
07-10-17
स्वामी जय पतिदेव प्रिये।
चौथ मात से विनती-2
शत शत वर्ष जिये।।
कार्तिक लगते आई, चौथ तिथी प्यारी।
करवा चौथ कहाये, सब से ये न्यारी।।
ओम जय पतिदेव प्रिये।
सूर्योदय से लेकर, जब तक चाँद दिखे।
तेरे कारण धारूँ, व्रत कुछ भी न चखे।।
ओम जय पतिदेव प्रिये।
सुनूँ कहानी माँ की, लाल चुनर धारूँ।
करवा रख कर पुजूँ, माँ पर सब वारूँ।।
ओम जय पतिदेव प्रिये।
चन्द्र ओट ले देखूँ, अर्ध्य उसे देऊँ।
दीर्घ आयु का तेरा, उससे वर लेऊँ।।
ओम जय पतिदेव प्रिये।
तेरे हाथों फिर मैं, व्रत तोड़ूँ साजन।
'नमन' सदा ही रखना, मुझको प्रिय भाजन।।
ओम जय पतिदेव प्रिये
स्वामी जय पतिदेव प्रिये।
चौथ मात से विनती-2
शत शत वर्ष जिये।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
07-10-17
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