आरोही अवरोही पिरामिड
(1-11 और 11-1)
हे
शिव
शंकर
जग के हो
तु रखवाले।
डमरू पे नाचे
हो कर मतवाले।
सर्प गले में लिपटे
प्यारा चन्दा जटा छिपाले।
भूत गणों के नाथ अनोखे
विष पी देवों की विपदा टाले।
तन पर बाघम्बर भभूत
भोले की प्राणी महिमा गाले।
दूध बेल पत्रों को चढ़ा
पूजो आक धतूरा ले।
ऐसे दानी बाबा को
पूजा से रिझाले।
'नमन' करो
चरणों में
माथे को
नवा
ले।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
12-4-18
(1-11 और 11-1)
हे
शिव
शंकर
जग के हो
तु रखवाले।
डमरू पे नाचे
हो कर मतवाले।
सर्प गले में लिपटे
प्यारा चन्दा जटा छिपाले।
भूत गणों के नाथ अनोखे
विष पी देवों की विपदा टाले।
तन पर बाघम्बर भभूत
भोले की प्राणी महिमा गाले।
दूध बेल पत्रों को चढ़ा
पूजो आक धतूरा ले।
ऐसे दानी बाबा को
पूजा से रिझाले।
'नमन' करो
चरणों में
माथे को
नवा
ले।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
12-4-18
No comments:
Post a Comment