Saturday, June 22, 2019

सायली (चमकी बुखार)

चमकी
ऐसी भड़की
काल बन धमकी
मासूमों की
सिसकी।
*****

बिहार
बच्चे बीमार
सोयी पड़ी सरकार
करे हुँकार
बुखार।
*****

मुजफ्फरपुर
बुखार  निष्ठुर
आया बन महिषासुर
केवल चिंतातुर!
सत्तापुर।
*****

महाकाल
बुखार विकराल
बच्चों  पर  भूचाल
सरकारी अस्पताल
बदहाल।

*****
1-2-3-2-1 शब्द
*****

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
18-06-19

2 comments:

  1. सायली विधा में आपकी रचनाएं गागर में सागर वाली कहावत को चरितार्थ करती है।
    आपका ब्लॉग नये कवि अत्यंत ज्ञानवर्धक है।नवांकुरों के लिए यह देन है।

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  2. सुचि बहन बहुत बहुत धन्यवाद।

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