Wednesday, June 12, 2019

शिव-महिमा (छप्पय)

करके तांडव नृत्य, प्रलय जग की शिव करते।
विपदाएँ भव-ताप, भक्त जन का भी हरते।
देवों के भी देव, सदा रीझें थोड़े में।
करें हृदय नित वास, शैलजा सँग जोड़े में।
प्रभु का निवास कैलाश में, औघड़ दानी आप हैं।
भज ले मनुष्य जो आप को, कटते भव के पाप हैं।।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
22-02-19

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