Thursday, April 25, 2019

भजन "चरण-छटा श्रीजी की न्यारी"

चरण-छटा श्रीजी की न्यारी।
मैं छिन छिन जाऊँ बलिहारी।।

वृषभानु और कीर्ति की प्यारी बरसाने की दुलारी।
निश्छल अरु निस्वार्थ प्रेम की मूरत यह मनहारी।
चरण-छटा श्रीजी की न्यारी।।

उर में जोड़ी बसी रहे श्याम सलोने और तिहारी।
नैनों से कभी अलग ना हो ये जोड़ी प्यारी प्यारी।
चरण-छटा श्रीजी की न्यारी।।

जो अनुराग रखे माता में उसकी सब विपदा टारी।
गोलोकधाम की महारानी की शोभा जग में भारी।
चरण-छटा श्रीजी की न्यारी।

उर में बसो हे राधा रानी पीर हरो मेरी सारी।
शत शत 'नमन' करूँ नित ही अरु महिमा गाऊँ थारी।
चरण-छटा श्रीजी की न्यारी।

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
09-07-2016

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