करे खुद विष-पान, रखके सभी का मान,
रखता समाज को जो, हरदम जोड़ के।
सब को ले साथ चले, नहीं भेदभाव रखे,
एकता में बाँध रखे, बिन तोड़-फोड़ के।
थोथी बातें नहीं करे, सदा खुद आगे आये,
बने वो उदाहरण, रूढ़ियों को तोड़ के।
सर पे बिठाते लोग, ऐसे कर्मवीर को जो,
करता समाज-सेवा, स्वार्थ सब छोड़ के।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
10-11-17
रखता समाज को जो, हरदम जोड़ के।
सब को ले साथ चले, नहीं भेदभाव रखे,
एकता में बाँध रखे, बिन तोड़-फोड़ के।
थोथी बातें नहीं करे, सदा खुद आगे आये,
बने वो उदाहरण, रूढ़ियों को तोड़ के।
सर पे बिठाते लोग, ऐसे कर्मवीर को जो,
करता समाज-सेवा, स्वार्थ सब छोड़ के।।
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
10-11-17
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